श्रीराम भारतीय संस्कृति का अंग हैं। उनके बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना अधूरी है। श्रीराम का जीवन व्यक्तिगत दायित्वों, अधिकारों और सामुदायिक उत्तरदायित्वों का एक ऐसा उदाहरण है, जो आदर्श के माध्यम से धर्म और धार्मिक जीवन को प्रदर्शित करता है। उनके इसी आदर्श को प्रस्तुत करने हेतु दशहरा के पावन पर्व पर डिवाइन विज़डम स्कूल के प्रथम एवं द्वितीय कक्षा के विद्यार्थियों ने संगीतमय प्रस्तुति के द्वारा श्री राम के जीवन को विशेष प्रार्थना सभा में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष विजेश गोयल, चेयरमैन नीरज गोयल एवं प्रधानाचार्या मीनाक्षी मल्होत्रा द्वारा माँ शारदा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया। इस कार्यक्रम में बच्चों ने राजा दशरथ द्वारा करवाए गए पुत्रेष्टि यज्ञ से रावण दहन तक अनेक दृश्यों एवं झाँकियों को प्रस्तुत कर सबको मंत्र-मुग्ध कर दिया। इस दौरान ‘जय श्रीराम’ के नारों से पूरा वातावरण गुँजायमान हो उठा।
बच्चों ने रामायण के सभी पात्रों को बखूबी निभाया। इस कार्यक्रम में बच्चों के साथ-साथ अध्यापक वर्ग ने भी आनंद लिया। कार्यक्रम के अंत में स्कूल प्रबंधन समिति के चेयरमैन श्री नीरज गोयल जी ने सर्वप्रथम पहली एवं दूसरी कक्षा के छात्रों एवं अध्यापकों को कार्यक्रम के सफल आयोजन की बधाई दी। उन्होंने विजयदशमी की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए विद्यार्थियों को मर्यादित श्रीराम के मानवीय मूल्यों को अपने जीवन में समाहित करने एवं अपने जीवन से बुराइयों को समाप्त करने का संदेश दिया।